Jai Ambe Gauri Aarti PDF: जय अम्बे गौरी आरती pdf Free
“जय अम्बे गौरी आरती” चैत्र नवरात्री में रोजाना पूजा के पश्चात अनिवार्य मानी जाती है। यही नहीं आम दिनों में भी माँ अम्बे गौरी की पूजा के पश्चात आरती की जानी चाहिए। नियमित रूप से “अम्बे तू है जगदम्बे काली” आरती का पाठ करना माँ अम्बे को प्रसन्न करना एवं आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे अच्छा माध्यम है। माँ अम्बे गौरी आद्य शक्ति हैं, जो सर्वोच्च हैं। यह माता पार्वती का दूसरा नाम एवं माँ अम्बे गौरी की अभिव्यक्ति है। “अम्बे तू है जगदम्बे काली” महादेव शिव की पत्नी माता पार्वती को समर्पित है। “जय अम्बे गौरी” आरती बहुत … Read more