Hanuman Chalisa Pdf 2024: श्री हनुमान चालीसा लिरिक्स पीडीएफ फ्री

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प्रिय हनुमान भक्तो आज मैं आप के लिए हनुमान चालीसा हिंदी में pdf फाइल लेकर आया हूँ। आप दिए गए लिंक कर के Hanuman Chalisa Pdf को अभी डाउनलोड करिये। Hanuman Chalisa Pdf फाइल आप लिए Hanuman Chalisa करते समय बहुत मददगार साबित होगा।

भगवान् शिव के रुद्रावतार कहे जाने वाले हनुमान जी ऐसे देव हैं, जो इस कलयुग में भी समस्त ब्रह्माण्ड में व्याप्त हैं। हनुमान जी की पूजा अर्चना करने से ख़ुशी का वातावरण, निरोगता, धन संपदा आती है। हनुमान जी अपने भक्तों से शीघ्र प्रसन्न होते हैं।

हनुमान जी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ होता है। हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। सनातन धर्म में हनुमान जी की पूजा -अर्चना काफी श्रद्धा भाव के साथ की जाती है। हनुमान चालीसा में हनुमान जी की अलौकिक शक्तियों का वर्णन किया गया है। हनुमान चालीसा के पाठ से भक्त की समस्त परेशानियां व् संकट दूर हो जाते हैं।

जो भक्त सच्ची श्रद्धा भक्ति के साथ हनुमान जी की पूजा करता है। उसकी समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती है। हनुमान जी बाल ब्रह्मचारी हैं, और पूर्ण रूप से शाकाहारी हैं। भगवान् हनुमान जी की पूजा मंगलवार एवं शनिवार को करना काफी फलदायक होता है।

जो भक्त सच्ची श्रद्धा एवं लगन के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसके समस्त कष्टों एवं विध्न बाधाओं का हनुमान जी हरण कर लेते है। हनुमान जी एक ऐसे भगवान् हैं, जिनके सामने शनिदेव भी नतमस्तक हो जाते हैं। हनुमान चालीसा आप Hanuman Chalisa Pdf से कर सकते है।

हनुमान चालीसा का प्रतिदिन नियमित रूप से पाठ करने से एवं मंगलवार एवं शनिवार को विधि-विधान के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने से समस्त ग्रह बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान चालीसा का विधि-विधान के साथ पाठ करने से शनि के प्रकोप से बचा जा सकता है। हनुमान जी की माता का नाम अंजनी एवं पिता का नाम केसरी है। इसलिए इनको केसरी नंदन भी कहा जाता है।

हनुमान जी महाबलशाली, पराक्रमी, तेजस्वी व् अत्यंत बुद्धिमान हैं। समस्त देवतागण भी इनकी आराधना करते हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा में हनुमान जी की दैवीय शक्तियों का उल्लेख किया गया है। आप हनुमान चालीसा के साथ सुंदरकांड का पाठ भी कर सकते है। अपने अपनी क्षमता अनुसार समय-समय पर दान करते रहना चाहिए।

हनुमान चालीसा अपने आप में एक सम्पूर्ण चालीसा है। प्रतिदिन स्नान आदि करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर हनुमान जी एवं श्री राम जी का स्मरण करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्त को श्री हरी के चरणों में स्थान मिलता है, और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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हनुमान चालीसा हिंदी में pdf लिंक

हनुमान भक्तो मैंने आप के हनुमान चालीसा हिंदी में pdf फाइल का लिंक निचे डाल दिया है। आप लिंक पर क्लिक कर हनुमान चालीसा हिंदी में pdf को प्राप्त करसकते है।

हनुमान चालीसा हिंदी में pdf संक्षिप्त विवरण

File Name Hanuman Chalisa Pdf
File TypePDF
LanguageHindi, English
CategoryReligion
No. of Pages4 Pages
File Size193 KB
File StatusActive
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Hanuman Chalisa Pdf
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Hanuman Chalisa Pdf Lyrics

हनुमान चालीसा हिंदी में pdf लिरिक्स हिंदी और इंग्लिश दोनों भाषाओं में दे दिया गया है। आप Hanuman Chalisa को लिरिक्स से याद करसकते है।

Hanuman Chalisa Pdf Lyrics Hindi

॥ दोहा॥
श्रीगुरु चरन सरोज रज
निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु
जो दायकु फल चारि ॥

बुद्धिहीन तनु जानिके
सुमिरौं पवन-कुमार ।
बल बुधि बिद्या देहु मोहिं
हरहु कलेस बिकार ॥

॥ चौपाई ॥
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर ।
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥

राम दूत अतुलित बल धामा ।
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा ॥

महाबीर बिक्रम बजरंगी ।
कुमति निवार सुमति के संगी ॥

कंचन बरन बिराज सुबेसा ।
कानन कुण्डल कुँचित केसा ॥4

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजै ।
काँधे मूँज जनेउ साजै ॥

शंकर स्वयं केसरी नंदन ।
तेज प्रताप महा जगवंदन ॥

बिद्यावान गुनी अति चातुर ।
राम काज करिबे को आतुर ॥

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया ।
राम लखन सीता मन बसिया ॥8

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा ।
बिकट रूप धरि लंक जरावा ॥

भीम रूप धरि असुर सँहारे ।
रामचन्द्र के काज सँवारे ॥

लाय सजीवन लखन जियाए ।
श्री रघुबीर हरषि उर लाये ॥

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई ।
तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई ॥12

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं ।
अस कहि श्रीपति कण्ठ लगावैं ॥

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा ।
नारद सारद सहित अहीसा ॥

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते ।
कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते ॥

तुम उपकार सुग्रीवहिं कीह्ना ।
राम मिलाय राज पद दीह्ना ॥16

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना ।
लंकेश्वर भए सब जग जाना ॥

जुग सहस्त्र जोजन पर भानु ।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू ॥

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं ।
जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं ॥

दुर्गम काज जगत के जेते ।
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते ॥20

राम दुआरे तुम रखवारे ।
होत न आज्ञा बिनु पैसारे ॥

सब सुख लहै तुम्हारी सरना ।
तुम रक्षक काहू को डरना ॥

आपन तेज सम्हारो आपै ।
तीनों लोक हाँक तै काँपै ॥

भूत पिशाच निकट नहिं आवै ।
महावीर जब नाम सुनावै ॥24

नासै रोग हरै सब पीरा ।
जपत निरंतर हनुमत बीरा ॥

संकट तै हनुमान छुडावै ।
मन क्रम बचन ध्यान जो लावै ॥

सब पर राम तपस्वी राजा ।
तिनके काज सकल तुम साजा ॥

और मनोरथ जो कोई लावै ।
सोई अमित जीवन फल पावै ॥28

चारों जुग परताप तुम्हारा ।
है परसिद्ध जगत उजियारा ॥

साधु सन्त के तुम रखवारे ।
असुर निकंदन राम दुलारे ॥

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता ।
अस बर दीन जानकी माता ॥

राम रसायन तुम्हरे पासा ।
सदा रहो रघुपति के दासा ॥32

तुम्हरे भजन राम को पावै ।
जनम जनम के दुख बिसरावै ॥

अंतकाल रघुवरपुर जाई ।
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई ॥

और देवता चित्त ना धरई ।
हनुमत सेइ सर्ब सुख करई ॥

संकट कटै मिटै सब पीरा ।
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा ॥36

जै जै जै हनुमान गोसाईं ।
कृपा करहु गुरुदेव की नाईं ॥

जो सत बार पाठ कर कोई ।
छूटहि बंदि महा सुख होई ॥

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा ।
होय सिद्धि साखी गौरीसा ॥

तुलसीदास सदा हरि चेरा ।
कीजै नाथ हृदय मह डेरा ॥40

॥ दोहा ॥
पवन तनय संकट हरन,
मंगल मूरति रूप ।
राम लखन सीता सहित,
हृदय बसहु सुर भूप ॥

Hanuman Chalisa Pdf Lyrics English

Doha
Shri Guru Charan Saroj raj
Nija manu Mukura sudhari
Baranau Raghuvar Bimal Jasu
Jo Dayaku Phala Chari

Budheeheen Tanu Jannike
Sumiro Pavan Kumara
Bal Buddhi Vidya Dehoo Mohee
Harahu Kalesh Vikaar

Chaupai
Jai Hanuman gyan gun sagar
Jai Kapis tihun lok ujagar

Ram doot atulit bal dhama
Anjani putra Pavan sut nama

Mahabir vikram Bajrangi
Kumati nivar sumati Ke sangi

Kanchan varan viraj subesa
Kanan Kundal Kunchit Kesha 4

Hath Vajra Aur Dhwaja Viraje
Kaandhe moonj janeu saaje

Sankar suvan kesri Nandan
Tej prataap maha jag vandan

Vidyavaan guni ati chatur
Ram kaj karibe ko aatur

Prabhu charitra sunibe ko rasiya
Ram Lakhan Sita man Basiya 8

Sukshma roop dhari Siyahi dikhava
Vikat roop dhari lank jalava

Bhim roop dhari asur sanhare
Ramachandra ke kaj sanvare

Laye Sanjivan Lakhan Jiyaye
Shri Raghuvir Harashi ur laye

Raghupati Kinhi bahut badai
Tum mama priya Bharat-hi-sam bhai 12

Sahas badan tumharo yash gaave
As kahi Shripati kanth lagaave

Sankadhik Brahmaadi Muneesa
Narad Sarad sahit Aheesa

Yam Kuber Dikpaal Jahan te
Kavi kovid kahi sake kahan te

Tum upkar Sugreevahin keenha
Ram milaye rajpad deenha 16

Tumhro mantra Vibheeshan maana
Lankeshwar Bhaye Sab jag jana

Yug sahasra yojan par Bhanu
Leelyo tahi madhur phal janu

Prabhu mudrika meli mukh mahee
Jaladhi langhi gaye achraj nahee

Durgam kaj jagat ke jete
Sugam anugraha tumhre tete 20

Ram duwaare tum rakhvare
Hot na agya binu paisare

Sab sukh lahai tumhari sarna
Tum rakshak kahu ko darna

Aapan tej samharo aapai
Teenon lok hank te kanpai

Bhoot pisaach Nikat nahin aavai
Mahavir jab naam sunavai 24

Nase rog harae sab peera
Japat nirantar Hanumat beera

Sankat se Hanuman chhudavai
Man Kram Vachan dhyan jo lavai

Sab par Ram tapasvee raja
Tin ke kaj sakal Tum saja

Aur manorath jo koi lavai
Soi amit jeevan phal pavai 28

Charon jug partap tumhara
Hai parsiddh jagat ujiyara

Sadhu Sant ke tum Rakhware
Asur nikandan Ram dulare

Ashta siddhi nav nidhi ke data
As var deen Janki mata

Ram rasayan tumhare pasa
Sada raho Raghupati ke dasa 32

Tumhare bhajan Ram ko pavai
Janam janam ke dukh bisraavai

Antkaal Raghuvar pur jayee
Jahan janam Hari Bhakt Kahayee

Aur Devta Chitt na dharahin
Hanumat sei sarv sukh karahin

Sankat kate mite sab peera
Jo sumirai Hanumat Balbeera 36

Jai Jai Jai Hanuman Gosain
Kripa Karahun Gurudev ki nayin

Jo shat bar path kare koi
Chhutahin bandi maha sukh hoi

Jo yeh padhe Hanuman Chalisa
Hoye siddhi saakhi Gaureesa

Tulsidas sada hari chera
Keejai Nath Hriday mahn dera 40

Doha
Pavan Tanay Sankat Harana,
Mangala Murati Roop
Ram Lakhan Sita Sahita,
Hriday Basahu Soor Bhoop

हनुमान चालीसा के अलौकिक लाभ (Hanuman Chalisa Pdf)

पवन पुत्र हनुमान भगवान् भोलेनाथ के रुद्रावतार के रूप में जाने जाते हैं, महादेव शंकर के रुद्रावतार होने के कारण इनके भीतर महादेव शंकर जी की भी शक्तियां विधमान हैं। इन्हे समस्त देवताओं ने अपनी अपनी शक्तियां वरदान के रूप में प्रदान की हैं।

अगर सच्चे मन से पूर्ण श्रद्धा के साथ मंगलवार एवं शनिवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया जाए तो हनुमान जी अपने भक्तों को मनवांछित फल प्रदान करते हैं। प्रत्येक मंगलवार के दिन हनुमान जी का व्रत रखकर लाल रंग की लंगोट हनुमान जी को अर्पित करना अत्यंत फायदेमंद होता है।

जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करता है। उसके ऊपर सदैव हनुमान जी की कृपा बनी रहती है। हनुमान चालीसा का पाठ बच्चे, जवान, वृद्ध या स्त्री कोई भी कर सकता है। हनुमान चालीसा का पाठ करते समय शुद्धता का होना अनिवार्य है।

हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए आप हनुमान चालीसा हिंदी में pdf फाइल की मदद ले सकते है। हम ने आप के लिए Hanuman Chalisa Pdf उपलब्ध करा दी है जो बिल्कुल फ्री है।

हनुमान चालीसा हनुमान जी की कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल माध्यम है। हनुमान जी का पाठ करने के अनेक अलौकिक लाभ होते हैं, जिसमे से कुछ का वर्णन इस प्रकार है।

ग्रह नक्षत्र बाधा से मुक्ति

मंगलवार एवं शनिवार को स्नान आदि दैनिक कार्यों से निवृत होकर प्रातः काल एवं सायं काल को शुद्ध वस्त्र पहनकर सच्चे ह्रदय से हनुमान चालीसा का पाठ करने से ग्रह नक्षत्र बाधा से मुक्ति मिलती है। कुंडली में ग्रह दोष शांत हो जाते हैं, और व्यक्ति अपने जीवन में बिना किसी बाधा के निरंतर वृद्धि करता रहता है।

शनि के प्रकोप से छूटकारा

शनिवार के दिन प्रातः काल स्नान आदि से निवृत होकर जो भी व्यक्ति हनुमान जी का सच्ची श्रद्धा भक्ति के साथ स्मरण करते हुए हनुमान चालीसा का 11 बार नियमित रूप पाठ करता है। उसके ऊपर से शनि की साढ़े साती व् अढैया प्रभावहीन होकर समाप्त हो जाती है।

निरोग शरीर

हनुमान जी की भक्ति में ही सच्चा सुख है। जो कोई भी हनुमान जी की सच्ची श्रद्धा भक्ति के साथ नियमित रूप से प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है। साथ ही प्रत्येक मंगलवार को व्रत रखकर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करता है। वह सदैव निरोग रहता है। उसके आसपास तक बीमारी भटक नहीं सकती है। वह सदैव स्वस्थ जीवन यापन करता है।

पारिवारिक खुशहाली

जो व्यक्ति नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है, और प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर के समक्ष दीपक प्रज्वलित कर हनुमान चालीसा का पाठ करता है, और लाल रंग की लंगोट हनुमान जी को अर्पित करता है, उसका परिवार हमेंशा खुशहाल रहता है। उसका घर हमेशा खुशियों से भरा रहता है।

कष्टों से मुक्ति

जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा भक्ति के साथ हनुमान जी का स्मरण करते हुए प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को नियमित रूप से स्नान आदि से निवृत होकर प्रातः काल हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उससे हनुमान जी प्रसन्न होकर उसके समस्त कष्टों का हरण कर लेते हैं। और उस भक्त का जीवन कष्ट से मुक्त कर देते हैं।

विपत्तियों का नाश

जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा भक्ति के साथ हनुमान जी का स्मरण करता है, उन्हें अपने ह्रदय में बसाता है। एवं नियमित रूप से प्रातः काल एवं सायं काल को हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उससे हनुमान जी सदैव प्रसन्न रहते हैं। और वह उसकी समस्त विपत्तियों का नाश करते हैं, और किसी भी प्रकार की विपत्ति को भक्त के निकट नहीं आने देते हैं।

बुद्धि का विकास

जो भी भक्त अपने ह्रदय में हनुमान जी को बसाता है। हमेशा उनकी भक्ति में लीन रहता है, एवं प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को प्रातःकाल स्नान व् नित्य क्रिया से निवृत होकर 21 बार हनुमान चालीसा का पाठ करता है। हनुमान जी की कृपा से उसकी बुद्धि का अकल्पनीय विकास होता है। हनुमान चालीसा का पाठ करने वाला अत्यंत बुद्धिमान हो जाता है तथा बुद्धि का अत्यधिक विकास होने के कारण उसे कोई भी किसी भी क्षेत्र में उसे पराजित नहीं कर पाता है।

सकारात्मक शक्ति का आगमन

हनुमान चालीसा एक ऐसी चालीसा है, जिसके अनंत लाभ हैं। हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से नकारात्मक शक्ति प्रभावहीन होकर विलुप्त हो जाती है। एवं सकारात्मक शक्ति का आगमन होता है। और सकारात्मक शक्ति के आगमन होने से भक्त सदैव चैतन्य रहता है। और अपने समस्त कार्यों को सफलता पूर्वक पूर्ण करता है।

बल में वृद्धि

हनुमान जी महापराक्रमी एवं महाबलशाली हैं। हनुमान जी के पास अनंत शक्ति है। और जो कोई भी प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को विधि-विधान के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करता है,और हनुमान जी की भक्ति में लीन रहता है। उस पर हनुमान जी की सदैव कृपा बनी रहती है। हनुमान जी उसे असीम बल प्रदान करते हैं। जिससे भक्त के शरीर में असीम बल की वृद्धि होती है। वह अपार शक्ति के कारण अपने शत्रुओं से कभी पराजित नहीं होता है।

शत्रुओं का नाश

जो भी भक्त प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को प्रातःकाल एवं सायंकाल सच्ची श्रद्धा भक्ति के साथ हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर के सम्मुख उपस्थित होकर हाथ जोड़कर हनुमान जी की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्वलित करके 7-7 बार नियमित रूप से पाठ करता है। उस भक्त के समस्त शत्रुओं का नाश हो जाता है। इस उपाय से संसार में भक्त का कोई भी शत्रु नहीं रहता है। जो भी शत्रुता रखता है, उसका हनुमान जी की कृपा से नाश हो जाता है।

सुखी दांपत्य जीवन

जो भक्त पूर्ण आस्था भक्ति के साथ हनुमान जी का स्मरण करता है। एवं नियमित रूप से प्रतिदिन प्रातः काल उठकर हाथ जोड़कर हनुमान जी का स्मरण करके स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करके हनुमान जी की मूर्ति के या तस्वीर के सम्मुख उपस्थित होकर 5 बार प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उसका दाम्पत्य जीवन सदा खुशहाल रहता है। उस भक्त के दाम्पत्य जीवन में चल रहे समस्त आपसी मतभेद समाप्त हो जाते हैं। और उसका दाम्पता जीवन सदैव खुशहाल रहता है।

कुसंगत से छुटकारा

श्री राम भक्त हनुमान सात्विक विचारधारा के भगवान हैं। जो भी भक्त हनुमान जी को अपने ह्रदय में बसाकर सच्ची श्रद्धा-भक्ति के साथ अपने आपको हनुमान जी की भक्ति में लीन रखते हुए नियमित रूप से प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करता है।

प्रत्येक मंगलवार को स्नान आदि से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण कर हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर के सम्मुख 1 तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरकर उसमें कुछ तुलसी जी की पत्तियां डालकर रखता है। हनुमान चालीसा का 5 बार पाठ करता है। तो निश्चित रूप से उस व्यक्ति को कुसंगत से छुटकारा मिल जाता है। जिससे उसकी समाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। ऐसे व्यक्ति की समाज में उचित मान सम्मान मिलता है।

भय बाधा से मुक्ति

जो व्यक्ति अथवा भक्त किसी अदृश्य भय बाधा से अथवा किसी भी प्रकार के भय से जकड़ा हुआ रहता है, और उसे किसी न किसी का हमेशा भय बना रहता है, तो ऐसे व्यक्ति को प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए नियमित रूप से प्रातः काल एवं सायं काल को हनुमान चालीसा का पाठ करने से उसकी समस्त भय बाधा समाप्त हो जाती है। वह भयमुक्त होकर खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।

पापों से मुक्ति

जो व्यक्ति ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए मांस-मदिरा व् तामसिक चीजों को त्याग कर सच्ची भक्ति के साथ प्रतिदिन प्रातःकाल एवं शयन काल हनुमान चालीसा का 5-5 बार पाठ करता है। एवं हनुमान जी को लाल रंग की लंगोट अर्पित करता है। उसे जीवन के प्रत्येक पापों से मुक्ति मिल जाती है। उसका जीवन सफल हो जाता है।

श्री हरी के चरणों में स्थान

प्रत्येक प्राणी के जीवन का सबसे बड़ा सत्य मृत्यु है। चूँकि शरीर नाशवान होता है, परन्तु आत्मा अमर होती है। एवं जो लोग अपने जीवन में अनुचित विचारधारा, कुसंगत का साथ, पाप इत्यादि करते हैं। तो जब अंत समय में उनकी आत्मा उनके शरीर का त्याग करती है। तब पापी, अनुचित विचारधारा व् कुसंगत प्रवृति के लोगों की आत्मा मोक्ष की तृप्ति के लिए भटकती रहती है।

उसे कभी भी हरी के चरणों में स्थान नहीं मिलता है। वे नरक भोगते हैं। और जो व्यक्ति हनुमान जी की भक्ति में लीन रहता है। विधि-विधान के साथ हनुमान चालीसा का नियमित रूप से पाठ करता है। वो मोक्ष को प्राप्त करते हुए श्री हरी के चरणों में स्थान पाकर परमधाम में वास करता है।

नकारात्मक विचारधारा से छुटकारा

जिस व्यक्ति के मन में नकारात्मक विचारधारा उत्पन्न होती है, या जिस व्यक्ति के जीवन पर नकारात्मक विचारधारा का प्रभाव पड़ रहा हो, उस व्यक्ति को सदा हनुमान भक्ति में लीन रहना चाहिए। एवं प्रत्येक मंगलवार एवं शनिवार को प्रातः काल उठकर स्नान आदि करके हनुमान जी का स्मरण करते हुए 11-11 बार हनुमान चालीसा का जाप करना चाहिए।

इससे व्यक्ति को नकारात्मक विचारधारा से छुटकारा मिलता है। एवं शरीर में सकारात्मक विचारधाराएं उत्पन्न होती है। जिससे व्यक्ति किसी भी कार्य में उचित निर्णय लेने में निपुण होता है। ऊपर लिंक पर क्लिक कर Hanuman Chalisa Pdf फाइल को आप डाउनलोड कर सकते है।

विद्या की प्राप्ति

हनुमान जी को विद्या का भी भगवान् कहा जाता है। जो छात्र पढ़ाई कर रहे हों, या जो व्यक्ति किसी परीक्षा की तैयारी कर रहा हो। उसे अनिवार्य रूप से पूर्ण निष्ठा एवं भक्ति के साथ हनुमान भक्ति में लीन रहते हुए प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।

मंगलवार एवं शनिवार को नियमित रूप से हनुमान चालीसा के पाठ के साथ ही लाल रंग की लंगोट व् सिंदूर हनुमान जी को अर्पित करना चाहिए। इससे उस छात्र अथवा व्यक्ति को असीम विद्या एवं ज्ञान की प्राप्ति होती है। और वह अपनी पढ़ाई या अन्य ज्ञान प्रतियोगिता से सम्बंधित समस्त क्षेत्रों में सफलता अर्जित करेगा।

मनवांछित फल की प्राप्ति

जो व्यक्ति अच्छे विचार से किसी उचित कार्य हेतु एवं जिससे किसी प्राणी का अहित न हो कोई मनोकामना करता है। और उसे पूर्ण होने की कामना करता हो, तो उसे नियमित रूप से प्रतिदिन प्रातः काल एवं सायं काल को हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से उसको उचित मनवांछित फल की निश्चित प्राप्ति होती है।

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हनुमान चालीसा का पाठ करने वालों को क्या नहीं करना चाहिए (Hanuman Chalisa Pdf)

अंजनी पुत्र सर्वशक्तिमान हनुमान जी शाकाहारी, बालब्रह्मचारी भगवान् हैं। ये अपने भक्तों से अति शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। जो भी व्यक्ति सच्ची श्रद्धा भक्ति के साथ नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उस पर हनुमान जी की सदैव कृपा बनी रहती है। परन्तु कुछ ऐसे भी कार्य हैं, जो हनुमान भक्तों को नहीं करने चाहिए। अन्यथा हनुमान जी रुष्ट होकर दंड भी दे सकते हैं। अतः हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले हनुमान भक्तों को निम्नलिखित कार्य कदापि नहीं करना चाहिए।

परायी नारी पर कुदृष्टि

हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले हनुमान भक्तों को कभी भी किसी परायी नारी पर कुदृष्टि नहीं डालनी चहिये। हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले भक्तों को सदैव परायी नारी को सम्मान की दृष्टि से देखना चाहिए। उचित समय पर उनकी सहायता करनी चाहिए। उनको माँ, बहन, बेटी समझ कर उनकी इज्जत करनी चाहिए। जो हनुमान भक्त परायी नारियों पर कुदृष्टि डालते हैं। उनसे हनुमान जी रुष्ट हो जाते हैं। और उन्हें दण्डित करते हैं। इसलिए परायी नारियों पर कदापि कुदृष्टि न डालें।

मांस-मदिरा व् तामसिक चीजों से दुरी

हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले हनुमान जी के भक्तों को मांस मदिरा व् तामसिक चीजों का प्रयोग नहीं चाहिए। इनका त्याग कर देना चाहिए। हनुमान भक्तों के लिए इन सब चीजों का सेवन निषेध माना गया है। और मंगलवार एवं शनिवार को तो भूल कर भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए।

तुच्छ व्यक्तियों की संगत

तुच्छ व्यक्तियों की संगत हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले हनुमान भक्तों को कदापि नहीं करनी चाहिए। तुच्छ व्यक्तियों की संगत में भक्त अपनी भक्ति के मार्ग से भटक सकता है। अनुचित कार्य कर सकता है। अतः तुच्छ व्यक्ति से सदा दुरी बना कर रखनी चाहिए।

परायी धन-सम्पदा को पाने की लालसा

हनुमान चालीसा का पाठ करने वाले हनुमान भक्तों को कभी भी परायी धन-सम्पदा को पाने की लालसा नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करने वाले व्यक्ति से हनुमान जी रुष्ट हो जाते हैं। और उन्हें अपनी कृपा से वंचित कर देते हैं।

दुर्भावना के विचार से हनुमान चालीसा का पाठ

कभी भी दुर्भावना के विचार से हनुमान चालीसा का पाठ नहीं करना चाहिए। दुर्भावना के विचार से हनुमान चालीसा का पाठ करने पर इसका कोई फल नहीं प्राप्त होता है। उल्टा पाप का भागीदार बनना पड़ता है।

अशुद्धता के साथ पाठ

कभी भी अशुद्ध रहकर बिना स्नान किये या अशुद्ध विचारधारा के साथ हनुमान चालीसा का पाठ कदापि नहीं करना चाहिए। ऐसा करना वर्जित माना गया है। अशुद्ध अवस्था में रहकर पाठ करने से पाठ करने का कोई फायदा नहीं होता है।

रजस्वला स्त्री न करें पाठ

रजस्वला काल के दौरान स्त्री को हनुमान जी की पूजा कदापि नहीं करनी करनी चाहिए। एवं न ही हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। रजस्वला स्त्री के द्वारा हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी रुष्ट हो जाते हैं। और दण्डित भी कर सकते हैं।

विचलित मन से पाठ

पवन पुत्र हनुमान जी की हनुमान चालीसा का पाठ हमेशा शुद्ध होकर और अपना ध्यान हनुमान जी की भक्ति में लीन रखते हुए एकाग्र मन से करना चाहिए। अपने मन को इधर-उधर भटकाकर, विचलित मानसिकता के साथ पाठ करने से कोई फायदा नहीं मिलता है। हनुमान चालीसा आप Hanuman Chalisa Pdf से कर सकते है।

हनुमान चालीस के पाठ करने का तरीका (Hanuman Chalisa Pdf)

हनुमान चालीसा अपने आप में सर्वव्यापी एवं सर्वशक्तिमान है। सच्ची श्रद्धा एवं भक्ति के साथ हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने से भक्त हर संकट से दूर रहता है। उसे कभी भी किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होता है। हनुमान जी के भक्त जो पूर्ण श्रद्धा एवं भक्ति के साथ हनुमान भक्ति में लीन रहते हैं। उनके ऊपर किसी भी ग्रह नक्षत्र के दोष का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

हनुमान चालीसा करनेवालों के ऊपर शनि की साढ़े साती या शनि की अढैया का प्रभाव निष्क्रिय रहता है। परन्तु कई लोग को हनुमान चालीसा के पाठ का तरीका पता न होने के कारण गलतियां कर बैठते हैं। जिसका या तो उन्हें कोई लाभ नहीं मिलता या फिर उनको दंड मिलता है। इसलिए हनुमान जी का पाठ करने से पहले निम्न तरीकों का पालन करे अवश्य करें।

  • सबसे पहले प्रातः काल उठकर स्नान आदि करने के पश्चात स्वच्छ वस्त्र पहनकर हाथ जोड़कर उनका व् भगवान् श्री राम का स्मरण करें।
  • जिस स्थान पर हनुमान चालीसा का पाठ करना हो, वह स्थान स्वच्छ एवं शुद्ध होना चाहिए। मलिन एवं अशुद्ध जगहों पर हनुमान चालीसा का पाठ कदापि न करें।
  • जिस स्थान पर पाठ करना है, उस स्थान को पहले गंगाजल धोकर पवित्र करें। फिर वहां पर कोई चौकी रखकर उसे भी गंगा जल से धोकर उसके ऊपर स्वच्छ लाल कपडा बिछाएं।
  • अब उस लाल कपडे के ऊपर हनुमान जी की प्रतिमा अथवा तस्वीर स्थापित करें।
  • इसके बाद हनुमान जी को लाल फूलों की माला अर्पित करें। एवं हनुमान जी के समक्ष धुपदीप या गुगुर जलाएं।
  • एवं एक दीपक भी प्रज्वलित करें । प्रयास करें की दीपक की बत्ती लाल रंग के सूत की हो। या कलावा की हो। अगर यह उपलब्ध नहीं है, तो रुई की बत्ती का भी उपयोग किया जा सकता है।
  • हनुमान जी की मूर्ति अथवा तस्वीर के सम्मुख ताम्बे के पात्र में जल भरकर रख दें, एवं उसमें कुछ पत्ते तुलसी जी के डाल दें।
  • हनुमान जी की मूर्ति अथवा फोटो को सिंदूर, फल मिठाई अर्पित करें।
  • सिंदूर में चमेली का तेल मिलकर उसका तिलक हनुमान जी को लगाएं।
  • अपने बैठने के स्थान पर भी आसन अवश्य बिछाएं। और आसान के ऊपर बैठकर ही पाठ आरम्भ करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ करते समय भक्त को अपने मन में सिर्फ हनुमान जी एवं श्री राम जी का ही स्मरण करना है। और ध्यान कहीं नहीं भटकाना है। एकाग्र होकर पाठ करना है।
  • हनुमान चालीसा का पाठ किसी भी अनुचित लोभ, लालच या किसी के नुकसान पहुंचाने की विचारधारा से कदापि न करें।
  • हनुमान चालीसा का पाठ प्रतिदिन नियमित रूप से प्रातः काल व् सायंकाल में करना चाहिए।
  • पाठ समाप्त होने के पश्चात हनुमान जी एवं श्री राम जी का स्मरण करते हुए उन्हें प्रणाम करें।
  • भोग एवं प्रसाद के रूप में अगर हो सके तो हनुमान जी को बेसन का लड्डू और अगर यह उपलब्ध न हो तो मिश्री या मिठाई या गुड़-चना एवं फल अर्पित करें।
  • फिर भोग लगे प्रसाद को स्वयं खाएं व् अन्य सभी को बाँट दें।
  • हनुमान चालीसा का सही उच्चारण करने के लिए Hanuman Chalisa Pdf की मदद ले सकते है।

हनुमान चालीसा पाठ के मुख्य फायदे (Hanuman Chalisa Pdf)

सच्ची श्रद्धा एवं भक्ति के साथ हनुमान चालीसा का पाठ करने के अनंत फायदे होते हैं। जिसमे से कुछ मुख्य फायदे इस प्रकार है। मै आप की सलाह देता हूँ की Hanuman Chalisa Pdf फाइल आप सही उच्चारण करते हुवे हनुमान चालीसा का पाठ करे।

परेशानियों से छुटकारा

जो व्यक्ति सच्ची भक्ति भावना के साथ हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करता है। उसके जीवन की समस्त परेशानियां स्वतः समाप्त हो जाती हैं। और व्यक्ति खुशहाल जीवन व्यतीत करता है।

समाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि

हनुमान जी जी भक्ति में लीन रहने वाले हनुमान भक्त को प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करने से समाज में उनका मान-सम्मान बढ़ता है। उनकी समाजिक प्रतिष्ठा में अकल्पनीय वृद्धि होती है।

चिंता से मुक्ति

श्री राम भक्त हनुमान जी के भक्त को हनुमान चालीसा का पाठ करने से किसी प्रकार कोई चिंता नहीं होती है। वो तो हमेशा भक्ति में खोये रहते हैं। उनकी समस्त चिंता का हनुमान जी हरण कर लेते है। जिससे वो भक्त चिंता मुक्त रहकर हमेशा प्रसन्नचित रहता है।

आत्मविश्वास में वृद्धि

प्रातः काल स्नान आदि नित्य क्रिया से निवृत होकर स्वच्छ वस्त्र धारण करने के पश्चात नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से हनुमान जी के प्रताप से उसके आत्म विश्वास में वृद्धि होती है। जिससे वो किसी भी कार्य को पूर्ण आत्मविश्वास के साथ कर सकता है। एवं सफल हो सकता है।

बल, बुद्धि एवं विद्या की प्राप्ति

जो व्यक्ति सच्ची श्रद्धा-भक्ति से पूरी लगन के साथ हनुमान जी की भक्ति करते हुए हनुमान चालीसा का पाठ करता है। उसे बल, बुद्धि एवं विद्या की कोई कमी नहीं रहती है। हनुमान जी को बल, बुद्धि एवं विद्या का भी भगवान् कहा जाता है। और हनुमान जी अपने सच्चे भक्तों को ये सब प्रदान करते हैं। जिससे उनके भक्तों में बल, बुद्धि एवं विद्या का आभाव समाप्त हो जाता है।

पारिवारिक क्लेश से छुटकारा

हनुमान जी की पूर्ण निष्ठा के साथ भक्ति करते हुए हनुमान चालीसा का नियमित रूप से प्रातः काल एवं सायंकाल पाठ करने से भक्त के परिवार में किसी प्रकार का क्लेश नहीं रहता है। एवं परिवार के सदस्यों में आपस में प्रेम बना रहता है।

सम्पूर्ण श्री हनुमान चालीसा | Shri Hanuman chalisa Hindi lyrics Pdf

हनुमान चालीसा के बारे में और अधिक जानकारी पाने के लिए लिंक पर क्लिक कर प्राप्त कर सकते है। जो भी कोई हनुमान चालीसा का पाठ विधि-विधान और नियमित करता है भगवान् हनुमान उसकी पुकार जरूर सुनते है।

ऐसा नहीं है की हनुमान चालीसा का पाठ करने उसका फल मिलता है। अगर आप एकाग्र होकर हनुमान चालीसा का पाठ सुनते है तब भी आप को हनुमान चालीसा का लाभ मिलेगा।

Hanuman Chalisa Pdf का सारांश

आदरणीय हनुमान भक्तो मैंने हनुमान चालीसा हिंदी में pdf फाइल उपलब्ध करा दिया है। यदि आप ने अभी तक Hanuman Chalisa Pdf को प्राप्त नहीं किया है तो ऊपर लिंक पर क्लिक कर Hanuman Chalisa Pdf को प्राप्त कर सकते है। आप Hanuman Chalisa Pdf फाइल को हनुमान जी मूर्ति या तस्वीर के पास रख सकते है।

क्यों जरूरी Hanuman Chalisa : भक्तो मै आप को बताना चाहता हूँ की हनुमान चालीसा पाठ करने का लाभ पाने के लिए ये जरूरी है की हनुमान पाठ करते समय हनुमान पाठ के शब्दों का सही उच्चारण किया जाये। यदि कोई हनुमान पाठ के शब्दों के सही उच्चारण नहीं करता तो हनुमान जी उस से रूठ सकते है।

अतः Hanuman Chalisa Pdf आप को हनुमान पाठ करते समय बहुत काम आएगी। आप अभी Hanuman Chalisa Pdf फाइल को प्राप्त कर लीजिये। हनुमान चालीसा हिंदी में pdf फाइल बिलकुल फ्री है।