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प्रिय पाठकों नमस्कार, आज में आप के लिए Shri Vishnu Chalisa को PDF फॉर्मेट में लेकर आया हूँ। यहां से आप Vishnu Chalisa PDF फाइल को डाउनलोड कर सकते है। Vishnu Chalisa PDF फाइल हिंदी भाषा में दी गयी है। आप के घर या बहार जहां भी आप भगवन विष्णु की पूजा करते है तो ये Vishnu Chalisa PDF बहुत ही काम आएगी।
हिन्दू धर्म में किसी न किसी देवी-देवता को सप्ताह का प्रत्येक दिन समर्पित है। भगवान् विष्णु की आराधना के लिए गुरूवार का दिन समर्पित है। इस दिन संसार के पालनहार भगवान श्री हरी विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा करना अत्यंत फलदायक माना गया है।
ऐसी मान्यता है कि, जो व्यक्ति इस दिन व्रत के साथ पूजा-पाठ करता है, उसकी कुंडली से दोष समाप्त हो जाता है। पूजा-अर्चना के अतिरिक्त गुरूवार के दिन विष्णु चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में बढ़ोत्तरी होती है। शास्त्रों के अनुसार, जो लोग नियमित रूप से विष्णु चालीसा क पाठ करते हैं, उनका घर हमेशा खुशहाल रहता है।
श्री विष्णु चालीसा का पाठ अत्यंत लाभकारी माना गया है। इसमें श्री हरी विष्णु के साथ-साथ माता लक्ष्मी की भी कृपा प्राप्त होती है। वैसे तो विष्णु चालीसा कभी भी पढ़ी जा सकती है, परन्तु गुरूवार एवं एकादशी के दिन श्री हरी विष्णु चालीसा का पाठ करना अत्यंत फलदायी होता है। Vishnu Chalisa PDF से चालीसा का पाठ करने से सुख संपत्ति एवं वैभव की प्राप्ति होती है।
Vishnu Chalisa PDF download link
नीचे Vishnu Chalisa PDF फाइल का डाउनलोड लिंक दिया हुवा है। लिंक पर क्लिक कर के आसानी से Vishnu Chalisa PDF को डाउनलोड कर सकते है। आपकी सुविधा के लिए Vishnu Chalisa PDF हिंदी और इंग्लिश भाषा में दिया हुवा है।
Vishnu Chalisa PDF संक्षिप्त विवरण
File Name | Vishnu Chalisa PDF |
File Type | |
Category | Religion |
Language | Hindi, English |
No. of Pages | 4 Pages |
File Size | 350 KB, 322 KB |
File Status | Active |
Uploaded By | Rajesh Kushwaha |
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श्री विष्णु चालीसा(Vishnu Chalisa PDF) पाठ करने का तरीका
भगवान् विष्णु को समस्त सृष्टि का पालन हार माना गया है। ये समस्त सृष्टि का पालन करते हैं। एवं समय-समय पर धरती पर अवतार लेकर असुरी शक्तियों का विनाश करते हैं। तीनों लोकों में श्री हरी विष्णु ही सर्वशक्तिमान व् अजेय हैं।
वे ब्रम्हांड के कण-कण में व्याप्त हैं। उन्ही की कृपा से इस संसार में जीवन का संचार होता है। विष्णु चालीसा अत्यंत मंगलकारी एवं माया को हरने वाली होती है। वे भक्तों की प्रार्थना से प्रसन्न होकर कार्यसिद्धि एवं समृद्धि प्रदान करते हैं।
विष्णु चालीसा का पाठ करने से पहले प्रातः काल उठकर स्नान करने के पश्चात पीले रंग का वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात श्री हरी विष्णु की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाकर संकल्प करें। इसके पश्चात विष्णु चालीसा का पाठ करना शुरू करें। फिर धुप-दीप श्री हरी विष्णु भगवान् को पीले रंग की मिठाई का भोग लगाएं। भोग में तुलसी जी की पत्ती अवश्य डालें। भगवान् विष्णु की पूजा तुलसी के बिना अधूरी मानी जाती है।
Vishnu Chalisa PDF Lyrics in Hindi
।।श्री विष्णु चालीसा।।
।।दोहा।।
विष्णु सुनिए विनय सेवक की चितलाय।
कीरत कुछ वर्णन करूं दीजै ज्ञान बताय।
।।चौपाई।।
नमो विष्णु भगवान खरारी।
कष्ट नशावन अखिल बिहारी॥
प्रबल जगत में शक्ति तुम्हारी।
त्रिभुवन फैल रही उजियारी॥
सुन्दर रूप मनोहर सूरत।
सरल स्वभाव मोहनी मूरत॥
तन पर पीतांबर अति सोहत।
बैजन्ती माला मन मोहत॥
शंख चक्र कर गदा बिराजे।
देखत दैत्य असुर दल भाजे॥
सत्य धर्म मद लोभ न गाजे।
काम क्रोध मद लोभ न छाजे॥
संतभक्त सज्जन मनरंजन।
दनुज असुर दुष्टन दल गंजन॥
सुख उपजाय कष्ट सब भंजन।
दोष मिटाय करत जन सज्जन॥
पाप काट भव सिंधु उतारण।
कष्ट नाशकर भक्त उबारण॥
करत अनेक रूप प्रभु धारण।
केवल आप भक्ति के कारण॥
धरणि धेनु बन तुमहिं पुकारा।
तब तुम रूप राम का धारा॥
भार उतार असुर दल मारा।
रावण आदिक को संहारा॥
आप वराह रूप बनाया।
हरण्याक्ष को मार गिराया॥
धर मत्स्य तन सिंधु बनाया।
चौदह रतनन को निकलाया॥
अमिलख असुरन द्वंद मचाया।
रूप मोहनी आप दिखाया॥
देवन को अमृत पान कराया।
असुरन को छवि से बहलाया॥
कूर्म रूप धर सिंधु मझाया।
मंद्राचल गिरि तुरत उठाया॥
शंकर का तुम फन्द छुड़ाया।
भस्मासुर को रूप दिखाया॥
वेदन को जब असुर डुबाया।
कर प्रबंध उन्हें ढूंढवाया॥
मोहित बनकर खलहि नचाया।
उसही कर से भस्म कराया॥
असुर जलंधर अति बलदाई।
शंकर से उन कीन्ह लडाई॥
हार पार शिव सकल बनाई।
कीन सती से छल खल जाई॥
सुमिरन कीन तुम्हें शिवरानी।
बतलाई सब विपत कहानी॥
तब तुम बने मुनीश्वर ज्ञानी।
वृन्दा की सब सुरति भुलानी॥
देखत तीन दनुज शैतानी।
वृन्दा आय तुम्हें लपटानी॥
हो स्पर्श धर्म क्षति मानी।
हना असुर उर शिव शैतानी॥
तुमने ध्रुव प्रहलाद उबारे।
हिरणाकुश आदिक खल मारे॥
गणिका और अजामिल तारे।
बहुत भक्त भव सिन्धु उतारे॥
हरहु सकल संताप हमारे।
कृपा करहु हरि सिरजन हारे॥
देखहुं मैं निज दरश तुम्हारे।
दीन बन्धु भक्तन हितकारे॥
चहत आपका सेवक दर्शन।
करहु दया अपनी मधुसूदन॥
जानूं नहीं योग्य जप पूजन।
होय यज्ञ स्तुति अनुमोदन॥
शीलदया सन्तोष सुलक्षण।
विदित नहीं व्रतबोध विलक्षण॥
करहुं आपका किस विधि पूजन।
कुमति विलोक होत दुख भीषण॥
करहुं प्रणाम कौन विधिसुमिरण।
कौन भांति मैं करहु समर्पण॥
सुर मुनि करत सदा सेवकाई।
हर्षित रहत परम गति पाई॥
दीन दुखिन पर सदा सहाई।
निज जन जान लेव अपनाई॥
पाप दोष संताप नशाओ।
भव-बंधन से मुक्त कराओ॥
सुख संपत्ति दे सुख उपजाओ।
निज चरनन का दास बनाओ॥
निगम सदा ये विनय सुनावै।
पढ़ै सुनै सो जन सुख पावै॥
Vishnu Chalisa PDF Lyrics in English
॥ Shri Vishnu Chalisa ॥
॥ Doha ॥
vishnu suniye vinaya
sevaka ki chitalaya।
kirata kuchha varnana karu
dijai gyana bataya॥
॥ Chaupai ॥
namo vishnu bhagawana kharari।
kashta nashavana akhila bihari॥
prabala jagata mein shakti tumhari।
tribhuvana phaila rahi ujiyari॥
sundara rupa manohara surata।
sarala svabhava mohini murata॥
tana para pitambara ati sohata।
baijanti mala mana mohata॥
shankha chakra kara gada biraje।
dekhata detaye asura dala bhaje॥
satya dharma mada lobha na gaje।
kama krodha mada lobha na chhaje॥
santabhakta sajjana manaranjana।
danuja asura dushtana dala ganjana॥
sukha upjaye kashta saba bhanjana।
dhosha mitaye karata jana sajjana॥
papa kata bhava sindhu utarana।
kashta nashkara bhakata ubarana॥
karata aneka rupa prabhu dharana।
kevala apa bhakti ke karana॥
dharani dhenu bana tumhi pukara।
taba tuma rupa rama ka dhara॥
bhara utara asura dala mara।
ravana adika ko samhara॥
apa varaha rupa banaya।
hiranyaksha ko mara giraya॥
dhara matsya tana sindhu banaya।
chaudaha ratanana ko nikalaya॥
amilakha asurana dwanda machaya।
rupa mohini apa dikhaya॥
devana ko amrita pana karaya।
asurana ko chhabi se bahalaya॥
kurma rupa dhara sindhu majhaya।
mandrachala giri turata uthaya॥
shankara ka tuma phanda chudaya।
bhasmasura ko rupa dikhaya॥
vedana ko jaba asura dubaya।
kara prabandha unhe dhundhawaya॥
mohita bankara khalahi nachaya।
usahi kara se bhasma karaya॥
asura jalandhara ati baladayi।
shankara se una kinha ladayi॥
hara para shiva sakala banaye।
kina sati se chala khala jayi॥
sumirana kina tumhe shivarani।
batalayi saba vipata kahani॥
taba tuma bane munishwara gyani।
vrinda ki saba surati bhulani॥
dekhata tina danuja shaitani।
vrinda aya tumhein laptani॥
ho sparsha dharma kshati mani।
hana asura ura shiva shaitani॥
tumane dhruru prahalada ubare।
hiranakusha adika khala mare॥
ganika aur ajamila tare।
bahuta bhakta bhava sindhu utare॥
harahu sakala santapa hamare।
kripa karahu kari sirajana hare॥
dekhahun main nija darasha tumhare।
dina bandhu bhaktana hitkare॥
chahata apka sevaka darshana।
karahu daya apni madhusudana॥
janu nahi yogya japa pujana।
hoye yajna shtuti anumodana॥
shiladaya santosha sulakshana।
vidita nahi vratabodha vilakshana॥
karahu apka kisa vidhi pujana।
kumati viloka hota dukha bhishana॥
karahu pranama kauna vidhisumirana।
kauna bhanti main karahu samarpana॥
sura muni karata sada sivakai।
harshita rahata parama gati payi॥
dina dukhina para sada sahai।
nija jana jana leva apanayi॥
papa dosha santapa nashao।
bhava bandhana se mukta karao॥
suta sampati de sukha upjao।
nija charanana ka dasa banao॥
nigama sada ye vinaya sunavai।
padhai sunai so jana sukha pavai॥
श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने के फायदे
श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में बल, धन, यश, वैभव, कीर्ति की प्राप्ति होती है। भगवान् विष्णु के नाम का जाप करने से प्रत्येक व्यक्ति के जीवन की तरक्की के मार्ग स्वतः खुल जाते हैं। और वह निरंतर तरक्की करता रहता है।
वैदिक काल से ही भगवान् विष्णु सम्पूर्ण संसार की सर्वोच्च शक्ति के रूप में विधमान रहे हैं। भगवान् विष्णु शेषनाग पर विराजमान रहते है। उनका प्रिय शस्त्र सुदर्शन चक्र है। जब भी भगवान् विष्णु के भक्तों पर कोई संकट आता है, तो श्री हरी विष्णु तत्काल उसका निवारण करते हैं। श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
श्री विष्णु चालीसा(Vishnu Chalisa PDF) का पाठ करने से होने वाले लाभ के बारे में निचे विस्तार से बताया गया है।
गुरु दोष समाप्त होता है
भगवान् विष्णु की पूजा के लिए गुरूवार का दिन विशेष लाभकारी माना गया है। इस दिन भगवान् विष्णु की सच्चे ह्रदय से पूजा कर विष्णु चालीसा का पाठ करने से गुरु दोष समाप्त होता है। गुरूवार के दिन भगवान् विष्णु एवं माँ लक्ष्मी की प्रतिमा के समक्ष घी का दीपक जलाकर, भगवान् विष्णु को केसर का तिलक लगाएं। पीला पुष्प व् केले का भोग लगाकर विष्णु(Vishnu Chalisa PDF) चालीसा का नियमित पाठ करने से व्यक्ति के ग्रह नक्षत्र से दोष समाप्त हो जाता है।
धन,बल,बुद्धि, विवेक, ज्ञान की प्राप्ति
जो व्यक्ति सच्चे मन से नियमित रूप से भगवान् विष्णु चालीसा का नियमित पाठ करता उसे धन, बल, बुद्धि, विवेक, ज्ञान की असीम प्राप्ति होती है। उसी बल बुद्धि एवं ज्ञान से व्यक्ति धनवान बनता है। विष्णु चालीसा का पाठ करने से आत्म विश्वास एवं आत्मशक्ति में बढ़ोत्तरी होती है। विष्णु चालीसा का पाठ करने से माँ लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। एवं श्री हरी विष्णु से परम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
दांपत्य जीवन खुशहाल रहता है
श्री विष्णु चालीसा का पाठ करने से व्यक्ति के जीवन में चली आ रही समस्त परेशानियां, कलह स्वतः समाप्त हो जाते हैं। एवं परमसुख की प्राप्ति होती है। जीवन साथी के साथ प्रगाढ़ प्रेम बनता है। उसके परिवार में हमेशा धन-सम्पदा विधमान रहती है। एवं पुरे परिवार में खुशहाली छायी रहती है।
सुख-भाग्य में वृद्धि
भगवान् विष्णु को जगत का पालन हार कहा जाता है। श्री विष्णु चालीसा का नियमित रूप से पाठ करने से व्यक्ति के जीवन से समस्त कष्टों का नाश होता है। उसका सोया हुआ भाग्य जग जाता है। भगवान् विष्णु चालीसा का नियमित पाठ करने से उसे परम सुख की प्राप्ति होती है। उसे कभी भी किसी चीज का अभाव नहीं रहता है। और ऐसे व्यक्ति का भाग्य निरंतर वृद्धि करता रहता है।
परिवार में खुशहाली
भगवान् श्री हरी विष्णु चालीसा का नियमित पाठ करने से पुरे परिवार में निरंतर खुशहाली का माहौल व्याप्त रहता है। जिसके घर में श्री हरी विष्णु का पाठ होता है, उसका घर धन्य-धान्य से परिपूर्ण होता है। सभी मानसिक कष्टों का निवारण होता है। वह व्यक्ति हमेशा चिंता मुक्त रहता है। उसके परिवार में चल रही समस्त परेशानियों का नाश होता है।
वैवाहिक बाधा समाप्त होती है
जिस व्यक्ति के जीवन में वैवाहिक बाधा उत्पन्न हो रही हो, उसे पीले वस्त्र पहनकर पुरे विधि-विधान से विष्णु चालीसा का पाठ करना चाहिए। विवाह की आ रही समस्त बाधा स्वतः समाप्त हो जाती है। एवं अच्छे एवं संपन्न परिवार से रिश्ता जुड़ता है।
मनोकामना पूरी होती है
जो व्यक्ति सच्चे ह्रदय से भगवान् विष्णु चालीसा का पाठ करता है। उसकी समस्त मनोकामना पूरी होती है। उस व्यक्ति को कभी भी किसी के आगे झुकना नहीं पड़ता है।
श्री विष्णु(Vishnu Chalisa PDF) चालीसा का महत्व
भगवान् विष्णु को उदारता, दयालुता एवं कृपालुता, के कारण श्री हरी भी कहा जाता है। श्री हरी विष्णु इस सम्पूर्ण सृस्टि के पालनकर्ता हैं। श्री हरी विष्णु पर ही समस्त सृष्टि के पालन का भार है। भगवान् विष्णु की पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक कि, विष्णु चालीसा का पाठ न किया जाये।
विष्णु चालीसा का पाठ करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उसे किसी बात का भय नहीं रहता है। जो व्यक्ति नियमित रूप से सच्चे ह्रदय विष्णु चालीसा का पाठ करता है ,उस पर सदैव भगवान् श्री हरी लक्ष्मीपति विष्णु की कृपा बनी रहती है।
निष्कर्ष- Vishnu Chalisa PDF
मैं उम्मीद करता हूँ की आपने Vishnu Chalisa PDF फाइल को डाउनलोड कर लिया होगा। ये Vishnu Chalisa PDF फाइल बहुत ही काम की है। Shri Vishnu Chalisa का आप प्रिंट लेकर मंदिर के पास रख सकते है।
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